परमेश्वर : श्री वेदगिरीश्वरर मंदिर (पहाड़ मंदिर )
देवी : श्री थिरुपुरसुन्दरी सुंदरी
परमेश्वर : श्री भक्था वचालेस्वरार (Big Temple)
पेड़ : केले का पेड़. (केले का पेड़)
थीर्थम : सांगू थीर्थम
पक्षी तीर्थ वेद गिरि पहाड़ी के एक ओर समतल स्थान पर है। यहां दिन में 11 बजे से दोपहर 2 बजे के बीच पक्षियों के दर्शन होते हैं। मान्यता है कि ये पक्षी कैलाश पर्वत से आते हैं। उसके बाद गिद्ध वाराणसी में गंगा में डूबकी लगाकर वहां से उड़कर यहां आते। यहां दोपहर को मंदिर के पुजारी उनको भोजन कराते थे जिसमें चावल, गेहूं, घी और शक्कर होता था। भोजन करने के बाद गिद्ध रामेश्वरम जाते थे और रात चिदंबरम में बिताते थे। इसी प्रकिया को वे हर रोज़ दोहराते थे।
रुद्रकोटि शिवमंदिर: पक्षी तीर्थ में ही रुद्रकोटि शिव मंदिर स्थित है। भगवान शिव-पार्वती के इस मंदिर में यहां पार्वती जी को अभिरामनायकी कहते हैं। मंदिर में ही सांगू थीर्थम नाम का सरोवर है।
मार्कन्डेयर थिरुकलुकुण्ड्रम आया . उस समय मार्कन्डेयर संगुतीर्थम तालाब मे नहाना किया भगवान प्रार्थना करना उस समय श्री वेदगिरीश्वरर भगवान को अभिषेक पूजा करने केलिए पतीला नहीं हैं इसलिये मार्कन्डेयर श्री वेदगिरीश्वरर को प्रार्थना किया. उस समय बहुत आवास से संगुतीर्थम तालाब मे स्वाभाविक रूप से विकसित शंख हुआ . इसमें से भारह वर्षा एक बार संगुतीर्थम तालाब मे शुनक स्वाभाविक रूप से विकसित शंख हुआ अभी तक.